गुरु वन्दना
गुरु स्तुति
Sandeep Bhatt
4/14/20251 min read


|| ॐ ||
गुरुर्बह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्दॅवो महेश्वरः |
गुरुः साक्षात्परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः||
अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानांजनशलाकया |
चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः||
अखण्डमण्लाकारं व्याप्तं येन चराचरम् |
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः||
अनेकजन्म - सम्प्राप्त कर्मबन्धविदाहिने |
आत्मज्ञान प्रदानेन तस्मै श्रीगुरवे नमः||
मन्नाथः श्रीजगन्नाथो मद्गुरुः श्रीजगद्गुरुः |
ममात्मा सर्वभूतात्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः||
ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम् |
द्वन्द्वातीतं गगन सदृशं तत्व मस्यादिलक्ष्यम् ||
एकं नित्यं विमलं अचलं सर्वाधीसाक्षिभूतम् |
भावातीतं त्रिगुणरहितं सद्गुरुं तं नमामि ||
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